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I have a confession



 I have a confession

What it means to be alive
What it means to be happy
Life is transition
Purity and Reality are just delusions

I must have a confession
To redeem points
To feel the reality of the world
To experience the life

What is a confession?
Reality of deeds
Thought and imagination
And few more fantasies

Why should I confess
To feel and face real criticism
To be more courageous
To improve my inner self

I have a confession
Some real issues
Some aspirations and endeavors
More realistic and practical viewpoint

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हम मिले तुम मिले

 तुम चलो हम चलें ,फिर मिले कब मिले ! वक्त की कतार में, भ्रम सी मझधार में हम चलें कब चलें ,तुम मिलो हम मिले | बात है यह राज की, कब चलें और कब जुड़े? वक्त जो गुजर गया, स्वप्न जो बिखर गया, टूटे हैं भ्रम जो, वक्त में मिलन हुआ| रात सी जो बात थी, बात की न बात थी, न फिर मिले ,न फिर जुड़े | वक्त की मार से, न तुम मिले ना हम मिले मेघ भी गरज उठे, वक्त भी मचल उठा , जब ना तुम हमसे मिले यह विचार भी अनाचार था, जब वक्त भी शर्मसार था,  हर कदम हम चले, ना तुम मिले ना हम मिले, हां,यह भ्रम था अब जो ना रहा, कि कब मिले और कब जुड़े, हम मिले तुम मिले, तुम मिलो हम मिले !!!

रात का दम्भ

ये दम्भ है , रात का काली , भयानक , अंधकार वाली | मैं कर दूँ , निस्तब्ध काल को , मायूसी है तांडव सी , मरणशय्या तैयार है || है क्यूँ तैयार काल , निगलने को चलता है , समय का चक्र निरंकुश | पहर गुजरता नहीं , डराती है आधी रात , हाँ , मैं रात हूँ , मौत वाली || वर्तमान गुजर रहा , भूत चला गया , मैं अभिमान हूँ , भविष्य के आने का | हरेक को तलाश है , मेरे आकर जाने की मेरा स्वरूप , तैनात हूँ ,वक्त को बदलने को || मैं ताक़त हूँ , सत्ता बदलने की , अन्याय की , अविश्वास की | मै रास्ता हूँ , पथरीला , कंटीला , चुभता हूँ मौत सा |

जनता इतिहास और सत्ता

सैकड़ों वर्षों से विश्वभर मे सत्ता करने की ताकत कभी भी सर्वसाधारण जनता से नहीं आई थी| गणतंत्र की अवधारणा का प्रादुर्भाव सहस्त्र वर्षों पुराना है | परंतु उसकी सामान्य लोगों तक पहुँच नहीं थी| हजारों , लाखों या करोड़ों की भीड़ केवल राजा या प्रधान की सेवा हेतु समझी जाती थी| राज्य की शक्तियों का केंद्र केवल मुट्ठीभर लोगों या कुछ विशेष समुदायों तक सीमित रहा था | हम भारत के निकट इतिहास को देखे तो इसकी पुष्टि हो जाती है |गणतांत्रिक भारत के गत 75 वर्षों से पहले तक किसी भी राजनैतिक इकाई की सम्पूर्ण शक्ति किसी एक व्यक्ति में निहित होती थी| जब विभाजन का प्रस्ताव लंदन मे पारित हुआ तो उसके महत्वपूर्ण बिन्दु थे(1)ब्रिटिश द्वारा प्रत्यक्ष रूप से शासित क्षेत्रों का धर्म आधारित बंटवारा (2)शेष क्षेत्रों के सैकड़ों राजा स्वयं यह निर्णय करें की उन्हे स्वतंत्र रहना है या भारत या पाकिस्तान मे विलयित होना है | समानता ,बंधुता ,मानवता और न्याय की ड़ींगे हाँकने वाले अंग्रेज ,राजाओ द्वारा शासित क्षेत्रों की जनता के अधिकारों को अपनी नीति में शामिल नहीं कर सके |करते भी क्यूँ “अधिकार” शब्द सामान्य जनता का तक तक था ह...