हाँ तुम एक बार आओ तो सही , रूठी ही सही हमसे नज़रें मिलाओ तो सही ||
हम मिले , मिलकर मिले , पर मुझे मुझसे मिलाओ तो सही ,
तुम एक बार आओ तो सही ||
बातें रुखी ही सही , यादें बिखरी ही सही ,
पर लम्हे हमारी बिछडन के मुझे सुनाओ तो सही ||
तुम एक बार आओ तो सही ||
तेरा मुझसे मिलना , मिलकर बिछड़ना , एक ख्वाब ही तो था ,
ख्वाब मेरा टुटा ही सही , मुझे वो ख्वाब फिर से दिखाओ तो सही||
तुम एक बार आओ तो सही ||
जा रहा वक्त गुजरता , यादे छूट रही है ,
ना जाऊ मै भूल मुझे ,मुझे खुद की याद दिलाओ तो सही |
तुम एक बार आओ तो सही |
मेरे कलम की स्याही सूख रही है ,
मेरी शायरी रूठने को है,
जाऊँ ना मैं , लिखना भूल तुझे ,
रचना मेरी तुम ही बन जाओ तो सही||
वक्त के झरोखे से शक्ल अपनी दिखाओ से सही ,
तुम एक बार आओ तो सही |
कितनी नफ़रत होगी , मन में तेरे ,
मुझे मालूम ही नही ,
मोहब्बत ना सही , नफरतों की खातिर ,
मुझे मेरी धड़कनो से मिलाओ तो सही ||
तुम एक बार आओ तो सही |
मुझे मुझसे मिलाओ तो सही.
जाहिर किया तो था नही , हमने ये राज अपनी सांसों से भी ,
हुई बदनाम जो गलियाँ ये , हिस्सेदार उसके तुम भी हो ,
हमारा ना सही , ब्याज़ अपने हिस्से का तुम चुकाओ तो सही ||
तुम एक बार आओ तो सही |
कितना आसान है , वक्त को वक्त में मिलाना,
अधूरे को अधूरा छोड़ जाना ,
मालूम हमें भी है , लौटकर ना आओगे तुम ,
पर झूठा मुझे ''आज भी" साबित करके दिखाओ तो सही ||
तुम एक बार आओ तो सही ,
हाँ तुम एक बार आओ तो सही , रूठी ही सही हमसे नज़रें मिलाओ तो सही ||
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